🔰भारत का राष्ट्रपति🔰सम्पूर्ण अध्य्यन
🔰🔰GK Trick राष्ट्रपति क्रमानुसार🔰🔰
०👉🏼 “राजू ki राधा जाकर गिरी फखरूद्दीन रेडी ki जैल fhir रामा शंकर नारायण ki कलम Se प्रतिभा मुखरित huyi कोविद ki ”
🔰🔰GK Trick राष्ट्रपति क्रमानुसार🔰🔰
०👉🏼 “राजू ki राधा जाकर गिरी फखरूद्दीन रेडी ki जैल fhir रामा शंकर नारायण ki कलम Se प्रतिभा मुखरित huyi कोविद ki ”
🔰1:- राजेन्द्र प्रसाद=> 1952-62 , प्रथम निर्वाचित ,
तीन बार राष्ट्रपति पद की शपथ , सर्वाधिक
अवधि तक राष्ट्रपति “भारत रत्न” मिला ।
तीन बार राष्ट्रपति पद की शपथ , सर्वाधिक
अवधि तक राष्ट्रपति “भारत रत्न” मिला ।
🔰2:- सर्वपल्ली राधाकृष्णन=> 1962-67 , उससे पहले
दो बार उपराष्ट्रपति(1952-62) , 5 सितम्बर शिक्षक
दिवस , (विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर) , उपराष्ट्रपति पद पर रहते “भारत रत्न” मिला ।
दो बार उपराष्ट्रपति(1952-62) , 5 सितम्बर शिक्षक
दिवस , (विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर) , उपराष्ट्रपति पद पर रहते “भारत रत्न” मिला ।
🔰3:- जाकिर हुसैन=> 1967-69 , प्रथम मुस्लिम
राष्ट्रपति , (इनकी राष्ट्रपति पद पे रहते मृत्यु 2
वर्ष) , इनको भी उपराष्ट्रपति पद पर रहते “भारत रत्न”
मिला ।
राष्ट्रपति , (इनकी राष्ट्रपति पद पे रहते मृत्यु 2
वर्ष) , इनको भी उपराष्ट्रपति पद पर रहते “भारत रत्न”
मिला ।
🔰4:- वी॰वी॰गिरी=> 1969-74 , दूसरे चक्र
की मतगणना मेँ जीते , “भारत रत्न” मिला ।
की मतगणना मेँ जीते , “भारत रत्न” मिला ।
🔰5:- फखरूद्दीन=> 1974-77 , सबसे
ज्यादा अध्यादेश जारी करने वाले राष्ट्रपति
ज्यादा अध्यादेश जारी करने वाले राष्ट्रपति
🔰6:- नीलम संजीव रेड्डी=> 1977-82 , ये निर्विरोध
निर्वाचित होने वाले राष्ट्रपति ,
ज्ञात्वय=> 25 जुलाई को शपथ ( क्रम 6 से 13 तक
के सभी राष्ट्रपतियोँ ने 25 जूलाई को शपथ ली हैँ ।
निर्वाचित होने वाले राष्ट्रपति ,
ज्ञात्वय=> 25 जुलाई को शपथ ( क्रम 6 से 13 तक
के सभी राष्ट्रपतियोँ ने 25 जूलाई को शपथ ली हैँ ।
🔰7:- ज्ञानी जैलसिँह=> प्रथम सिख राष्ट्रपति ।
🔰8:- रामाकृष्ण वेकटरमन=>
🔰9:- शंकरदयाल शर्मा=>
🔰10:- के॰आर॰नारायण=> प्रथम दलित राष्ट्रपति ।
🔰11:- अब्दूल कलाम=> “भारत रत्न मिला , मिसाइल मैन ।
🔰12:- प्रतिभा पाटील=> प्रथम महिला राष्ट्रपति , जन्म
स्थान जलगाँव महाराष्ट्र , ससुराल छोटी लोसल सीकर
है , ये राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल थी ,
पति देवीसिँह शेखावत ।
स्थान जलगाँव महाराष्ट्र , ससुराल छोटी लोसल सीकर
है , ये राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल थी ,
पति देवीसिँह शेखावत ।
🔰13:- प्रणव मुखर्जी=>
विपक्षी उम्मीदवार श्री पी॰ए॰संगमा को हराया ।
विपक्षी उम्मीदवार श्री पी॰ए॰संगमा को हराया ।
🔰14:-रामनाथ कोविद:-
एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार को हराया
वे केआर नारायणन के बाद भारत के दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे. 1 अक्टूबर, 1945 को कोविंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था.
एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार को हराया
वे केआर नारायणन के बाद भारत के दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे. 1 अक्टूबर, 1945 को कोविंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था.
रामनाथ कोविद व्यक्तिगत रूप से 14वे और क्रमागत रूप से 15 वेराजेन्द्र प्रसाद दो क्रमागत पद पर कार्यरत रहे।
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भारत के राष्ट्रपति संघ का कार्यपालक अध्यक्ष हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 52 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित है। वह सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी होता है। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश का प्रथम नागरिक है। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
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भारत के राष्ट्रपति संघ का कार्यपालक अध्यक्ष हैं। संघ के सभी कार्यपालक कार्य उनके नाम से किये जाते हैं। अनुच्छेद 52 के अनुसार संघ की कार्यपालक शक्ति उनमें निहित है। वह सशस्त्र सेनाओं का सर्वोच्च सेनानायक भी होता है। सभी प्रकार के आपातकाल लगाने व हटाने वाला, युद्ध/शांति की घोषणा करने वाला होता है। वह देश का प्रथम नागरिक है। भारतीय राष्ट्रपति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
सिद्धांततः राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है। पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद् के द्वारा उपयोग किए जाते हैं।
भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे रायसीना हिल के नाम से भी जाना जाता है। राष्ट्रपति अधिकतम कितनी भी बार पद पर रह सकते हैं। अधिकतम की कोई सीमा तय नही हैं ।अब तक केवल पहले राष्ट्रपति डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद ने ही इस पद पर दो कार्यकाल पूरा किया है।
G.k Notes by D.J
प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी
वर्तमान 14वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविद हैं।
प्रतिभा पाटिल भारत की 12वीं तथा इस पद को सुशोभीत करने वाली पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2007 को पद व गोपनीयता की शपथ ली थी
वर्तमान 14वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविद हैं।
G.k Notes by Dinesh Jarwal
इतिहास 】=======
०👉🏼 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ था और अन्तरिम व्यवस्था के तहत देश एक राष्ट्रमंडल अधिराज्य बन गया। इस व्यवस्था के तहत भारत के गवर्नर जनरल को भारत के राष्ट्रप्रमुख के रूप में स्थापित किया गया, जिन्हें भारत के अन्तरिम राजा – जॉर्ज VI द्वारा ब्रिटिश सरकार के बजाय भारत के प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्त करना था।
इतिहास 】=======
०👉🏼 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ था और अन्तरिम व्यवस्था के तहत देश एक राष्ट्रमंडल अधिराज्य बन गया। इस व्यवस्था के तहत भारत के गवर्नर जनरल को भारत के राष्ट्रप्रमुख के रूप में स्थापित किया गया, जिन्हें भारत के अन्तरिम राजा – जॉर्ज VI द्वारा ब्रिटिश सरकार के बजाय भारत के प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्त करना था।
०👉🏼 यह एक अस्थायी उपाय था, परन्तु भारतीय राजनीतिक प्रणाली में साझा राजा के अस्तित्व को जारी रखना सही मायनों में संप्रभु राष्ट्र के लिए उपयुक्त विचार नहीं था। आजादी से पहले भारत के आखरी ब्रिटिश वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन हीं भारत के पहले गवर्नर जनरल बने थे। जल्द ही उन्होंने सी.राजगोपालाचारी को यह पद सौंप दिया, जो भारत के इकलौते भारतीय मूल के गवर्नर जनरल बने थे।
०👉🏼 इसी बीच डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में संविधान सभा द्नारा 26 नवम्बर 1949 को भारतीय सविंधान का मसौदा तैयार हो चुका था और 26 जनवरी 1950 को औपचारिक रूप से संविधान को स्वीकार किया गया था। इस तारीख का प्रतीकात्मक महत्व था क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटेन से पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता को आवाज़ दी थी। जब संविधान लागू हुआ और राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति का पद सभांला तो उसी समय गवर्नर जनरल और राजा का पद एक निर्वाचित राष्ट्रपति द्वारा प्रतिस्थापित हो गया।
०👉🏼 इस कदम से भारत की एक राष्ट्रमंडल अधिराज्य की स्थिति समाप्त हो गया। लेकिन यह गणतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल का सदस्य बना रहा। क्योंकि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने तर्क किया की यदि कोई भी राष्ट्र ब्रिटिश सम्राट को “राष्ट्रमंडल के प्रधान” के रूप में स्वीकार करे पर ज़रूरी नहीं है की वह ब्रिटिश सम्राट को अपने राष्ट्रप्रधान की मान्यता दे, उसे राष्ट्रमंडल में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण निर्णय था जिसने बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में नए-स्वतंत्र गणराज्य बने कई अन्य पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के राष्ट्रमंडल में रहने के लिए एक मिसाल स्थापित किया।
१•भारत का संवैधानिक प्रधान कौन होता
है ?>>>>राष्ट्रपति
है ?>>>>राष्ट्रपति
२•भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे ?
>>>>डॉ. राजेंद्र प्रसाद
लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे) ।
>>>>डॉ. राजेंद्र प्रसाद
लगातार दो बार राष्ट्रपति रहे) ।
३•दो बार उपराष्ट्रपति तथा एक बार राष्ट्रपति बनने वाले शख्स का नाम क्या है ?>>>>
डॉ. एस राधाकृष्णन
डॉ. एस राधाकृष्णन
G.K Notes by Dinesh Jarwal
४•किस राष्ट्रपति के निर्वाचन के समय दूसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी ?>>>> वी.वी. गिरी
५•उस राष्ट्रपति का नाम क्या था जो एक चुनाव में हार गए और फिर बाद में निर्विरोध चुने गए ?
>>>> नीलम संजीव रेड्डी
>>>> नीलम संजीव रेड्डी
६•भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति का
नाम ?>>>> प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
नाम ?>>>> प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
७•भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में कहा गया है कि राष्ट्रपति भारत का राष्ट्राध्यक्ष है ?
>>>> अनुच्छेद 52
>>>> अनुच्छेद 52
भारत के संविधान के अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति पद का प्रावधान किया गया है । राष्ट्रपति का पद सबसे सम्मानित और गरिमापूर्ण है । राष्ट्रपति ही राष्ट्र का अध्यक्ष होता है ।
८•भारत का प्रथम नागिरक किसे कहा जाता
है ?>>>> राष्ट्रपति
है ?>>>> राष्ट्रपति
९•भारत की समस्त कार्यपालिका शक्तियां किसमें निहित है ?>>>> राष्ट्रपति
G.K Notes by Dinesh Jarwal
१०•भारत के राष्ट्रपति पद की योग्यता क्या होनी चाहिए ?
>>>> संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार कोई भी व्यक्ति तभी राष्ट्रपति बन सकता है जब वह->>
🎆१•भारत का नागिरक हो ।
🎆२•35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो ।
🎆३•लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किए जाने योग्य हो
🎆४•चुनाव के समय लाभ का पद धारण नहीं करता हो
१०•भारत के राष्ट्रपति पद की योग्यता क्या होनी चाहिए ?
>>>> संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार कोई भी व्यक्ति तभी राष्ट्रपति बन सकता है जब वह->>
🎆१•भारत का नागिरक हो ।
🎆२•35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो ।
🎆३•लोकसभा का सदस्य निर्वाचित किए जाने योग्य हो
🎆४•चुनाव के समय लाभ का पद धारण नहीं करता हो
२१•राष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए निर्वाचक-मंडल के कितने प्रस्तावक और अनुमोदक होते हैं ?
>>>>50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक
>>>>50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक
G.K Notes by Dinesh Jarwal
२२•राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचन-मंडल का सदस्य कौन होता है ?>>>> राज्यसभा, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सभी सदस्य ।
२२•राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचन-मंडल का सदस्य कौन होता है ?>>>> राज्यसभा, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सभी सदस्य ।
२३•नई व्यवस्था के तहत किन केंद्रशासित राज्यों की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को राष्ट्रपति के निर्वाचन मंडल में शामिल किया गया है ?>>>>
दिल्ली और पुडुचेरी
दिल्ली और पुडुचेरी
२४•कोई व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हो सकता है ?>>>>
जितनी बार निर्वाचित हो सके ।
जितनी बार निर्वाचित हो सके ।
२५•भारत में राष्ट्रपति का चुनाव किस तरह होता है ?
>>>>
अप्रत्यक्ष रूप से यानी एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा समानुपातिक प्रणाली । कहने का मतलब है कि प्रत्येक राज्य के चुने हुए विधायक और लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद की वोटिंग से राष्ट्रपति का चुनाव होता है ।
भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए प्रत्येक राज्य की विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य का मत मूल्य निर्धारित किया गया है । सांसदों का अलग मत मूल्य निर्धारित किया गया है ।
>>>>
अप्रत्यक्ष रूप से यानी एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा समानुपातिक प्रणाली । कहने का मतलब है कि प्रत्येक राज्य के चुने हुए विधायक और लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद की वोटिंग से राष्ट्रपति का चुनाव होता है ।
भारत के राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए प्रत्येक राज्य की विधानसभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य का मत मूल्य निर्धारित किया गया है । सांसदों का अलग मत मूल्य निर्धारित किया गया है ।
विधानसभा के निर्वाचित सदस्य का मत मूल्य=
राज्य की कुल जनसंख्या ÷ 1000
______________________________
विधायकों की कुल संख्या
राज्य की कुल जनसंख्या ÷ 1000
______________________________
विधायकों की कुल संख्या
सांसदों का मत मूल्य =
विधानसभाओं के कुल निर्वाचित सदस्यों
के कुल मतों का योग ÷1000
________________________________
संसद के कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या
विधानसभाओं के कुल निर्वाचित सदस्यों
के कुल मतों का योग ÷1000
________________________________
संसद के कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या
G.K Notes by Dinesh Jarwal
२६•राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने सालों का होता
है ?>>>>पांच वर्ष
है ?>>>>पांच वर्ष
२७•राष्ट्रपति का मासिक वेतन कितना निर्धारित किया गया है ?>>>> दो लाख रुपए ( आयकर से मुक्त)राष्ट्रपति को मासिक वेतन के अलावे नि:शुल्क आवास, संसद द्वारा स्वीकृत भत्ते भी मिलते हैं ।
२८•सेवानिवृत्ति के बाद भारत के राष्ट्रपति को कितना सालाना पेंशन मिलता है ? >>>>नौ लाख रुपए
२९•क्या राष्ट्रपति के कार्यकाल में उनके वेतन और भत्ते घटाए जा सकते हैं ? >>>> नहीं
३०•राष्ट्रपति अपना त्याग-पत्र किसे सौंपते
हैं ?>>>> उपराष्ट्रपति
G.K Notes by Dinesh Jarwal
३१•भारत के राष्ट्रपति के पास कौन-सी विधायी शक्ति होती है ? >>>>
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बगैर कोई कानून नहीं बन सकता ।
हैं ?>>>> उपराष्ट्रपति
G.K Notes by Dinesh Jarwal
३१•भारत के राष्ट्रपति के पास कौन-सी विधायी शक्ति होती है ? >>>>
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बगैर कोई कानून नहीं बन सकता ।
G.K Notes by Dinesh Jarwal
३२•लोकसभा को भंग करने का अधिकार किसके पास है ?>>>> राष्ट्रपति
३२•लोकसभा को भंग करने का अधिकार किसके पास है ?>>>> राष्ट्रपति
३३•संसद के सत्र आहूत करने और सत्रावसान करने की जिम्मेदारी किसे दी गई है ? >>>>राष्ट्रपति को
वो लोकसभा का प्रथम सत्र संबोधित करता है । संयुक्त अधिवेशन बुलाकर अभिभाषण दे सकता है ।
वो लोकसभा का प्रथम सत्र संबोधित करता है । संयुक्त अधिवेशन बुलाकर अभिभाषण दे सकता है ।
३४•किसी राज्य या पूरे देश में आपातकाल लागू करने का अधिकार किसके पास होता है ? >>>>
राष्ट्रपति
राष्ट्रपति
३५•संविधान के किस अनुच्छेद ने राष्ट्रपति को आपातकाल लागू करने की शक्तियां दी हैं ? >>>>
अनुच्छेद 352, अनुच्छेद 356 और अनुच्छेद 360 ।
अनुच्छेद 352, अनुच्छेद 356 और अनुच्छेद 360 ।
३६•संसद के स्थगन के समय भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है ? >>>>अनुच्छेद 123
३७•मृत्युदंड की सजा को माफ करने की शक्ति राष्ट्रपति को संविधान के किस अनुच्छेद से मिलती
है ?>>>> अनुच्छेद 72
है ?>>>> अनुच्छेद 72
४०•किस विधेयक को पेश करने से पहले राष्ट्रपति की अनुमति जरूरी होती है ? >>>>धन विधेयक
४१•संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति किसी सार्वजनिक महत्व के प्रश्न पर उच्चतम न्यायालय से परामर्श ले सकता है, लेकिन वह यह परामर्श मानने के लिए बाध्य नहीं है ?>>>> अनुच्छेद 143
४२•भारत में किस राष्ट्रपति ने सबसे पहले जेबी वीटो का इस्तेमाल किया था ? >>>>
ज्ञानी जैलसिंह (विवादस्पद भारतीय डाक विधेयक 1986 के संबंध में)
ज्ञानी जैलसिंह (विवादस्पद भारतीय डाक विधेयक 1986 के संबंध में)
🎁by Dinesh Jarwal
४३•राष्ट्रपति के नियुक्ति संबंधी अधिकार ?
राष्ट्रपति निम्न को नियुक्त करता है-
१•भारत के प्रधानमंत्री,
२•प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के सदस्यों को, ३•सर्वोच्च न्यायलय और उच्च न्यायालय के मुख्य न्याधीशों,
४•भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक,
५• राज्यों के राज्यपाल,
६•मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों,
७•भारत के महान्यायवादी ,
८• अंतर्राज्यीय परिषद् के सदस्य,
९• संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों,
४३•राष्ट्रपति के नियुक्ति संबंधी अधिकार ?
राष्ट्रपति निम्न को नियुक्त करता है-
१•भारत के प्रधानमंत्री,
२•प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद के सदस्यों को, ३•सर्वोच्च न्यायलय और उच्च न्यायालय के मुख्य न्याधीशों,
४•भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक,
५• राज्यों के राज्यपाल,
६•मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों,
७•भारत के महान्यायवादी ,
८• अंतर्राज्यीय परिषद् के सदस्य,
९• संघीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों,
१०•संघीय क्षेत्रों के मुख्य आयुक्तों,
११• वित्त आयोग के सदस्यों,
१२•भाषा आयोग के सदस्यों,
१३• पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यों,
१४•अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों,
१५•भारत के राजदूतों,
१६•अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में रिपोर्ट देने वाले आयोग के सदस्यों को ।
११• वित्त आयोग के सदस्यों,
१२•भाषा आयोग के सदस्यों,
१३• पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्यों,
१४•अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों,
१५•भारत के राजदूतों,
१६•अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में रिपोर्ट देने वाले आयोग के सदस्यों को ।
४४•संसद सदस्यों के मनोनयन का अधिकार
१•राष्ट्रपति आंग्ल समुदाय के व्यक्तियों का समुचित प्रतिनिधित्व कराने के लिए उस समुदाय के दो व्यक्तियों को लोससभा सदस्य के रूप में नामांकित कर सकता है ।
१•राष्ट्रपति आंग्ल समुदाय के व्यक्तियों का समुचित प्रतिनिधित्व कराने के लिए उस समुदाय के दो व्यक्तियों को लोससभा सदस्य के रूप में नामांकित कर सकता है ।
२•इसी प्रकार राज्यसभा में राष्ट्रपति कला, साहित्य, खेल, पत्रकारिता, विज्ञान तथा समाजिक कामों में अनुभवी-दक्ष लोगों को नामांकित कर सकता है । करीब 12 व्यक्तियों को राज्यसभा में राष्ट्रपति नामजद कर सकता है
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🌼संविधान के अन्तर्गत राष्ट्रपति की स्थिति====
रामजस कपूर वाद तथा शेर सिंह वाद मे निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसदीय सरकार मे वास्तविक कार्यपालिका शक्ति मंत्रिपरिषद मे है। 42, 44 वें संशोधन से पूर्व अनु 74 का पाठ था कि एक मंत्रिपरिषद प्रधान मंत्री की अध्यक्षता मे होगी जो कि राष्ट्रपति को सलाह सहायता देगी।
रामजस कपूर वाद तथा शेर सिंह वाद मे निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसदीय सरकार मे वास्तविक कार्यपालिका शक्ति मंत्रिपरिषद मे है। 42, 44 वें संशोधन से पूर्व अनु 74 का पाठ था कि एक मंत्रिपरिषद प्रधान मंत्री की अध्यक्षता मे होगी जो कि राष्ट्रपति को सलाह सहायता देगी।
इस अनुच्छेद मे यह नही कहा गया था कि वह इस सलाह को मानने हेतु बाध्य होगा या नही। केवल अंग्रेजी पंरपरा के अनुसार माना जाता था कि वह बाध्य है। 42 वे संशोधन द्वारा अनु 74 का पाठ बदल दिया गया राष्ट्रपति सलाह के अनुरूप काम करने को बाध्य माना गया। 44वें संशोधन द्वारा अनु 74 मे फिर बद्लाव किया गया। अब राष्ट्रपति दी गयी सलाह को पुर्नविचार हेतु लौटा सकता है किंतु उसे उस सलाह के अनुरूप काम करना होगा जो उसे दूसरी बार मिली हो
🌼राष्ट्रपति की विवेकाधीन शक्तियाँ ====
1. अनु 74 के अनुसार जब कोई राजनैतिक दल लोकसभा मे बहुमत नही पा सके तब वह अपने विवेकानुसार प्रधानम्ंत्री की नियुक्ति करेगा
1. अनु 74 के अनुसार जब कोई राजनैतिक दल लोकसभा मे बहुमत नही पा सके तब वह अपने विवेकानुसार प्रधानम्ंत्री की नियुक्ति करेगा
०2. अनु 78 के अनुसार प्रधान मंत्री राष्ट्रपति को समय समय पर मिल कर राज्य के मामलॉ तथा भावी विधेयक़ो के बारे मे सूचना देगा, इस तरह अनु 78 के अनुसार राष्ट्रपति सूचना प्राप्ति का अधिकार रखता है यह अनु प्रधान मंत्री पे एक संवैधानिक उत्तरदायित्व रखता है यह अधिकार राष्ट्रपति कभी भी प्रयोग ला सकता है इसके माध्यम से वह मंत्री परिषद को विधेयक़ो निर्णयॉ के परिणामॉ की चेतावनी दे सकता है
०3. निलंबन वीटो/पाकेट वीटो भी विवेकी शक्ति है
०4. संसद के सदनो को बैठक हेतु बुलाना
०5. अनु 75 (3) मंत्री परिषद के सम्मिलित उत्तरदायित्व का प्रतिपादन करता है राष्ट्रपति मंत्री परिषद को किसी निर्णय पर जो कि एक मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से लिया था पर सम्मिलित रूप से विचार करने को कह सकता है
०6. लोकसभा का विघटन यदि मंत्रीपरिषद को बहुमत प्राप्त नही है तो लोकसभा का विघटन उसकी विवेक शक्ति के दायरे मे आ जाता है
किसी कार्यवाह्क सरकार के पास लोकसभा का बहुमत नही होता इस प्रकार की सरकार मात्र सामन्य निर्णय ही ले सकती है ना कि महत्वपूर्ण निर्णय यह राष्ट्रपति निर्धारित करेगा कि निर्णय किस प्रकृति का है
किसी कार्यवाह्क सरकार के पास लोकसभा का बहुमत नही होता इस प्रकार की सरकार मात्र सामन्य निर्णय ही ले सकती है ना कि महत्वपूर्ण निर्णय यह राष्ट्रपति निर्धारित करेगा कि निर्णय किस प्रकृति का है
🌼वीटो शक्तिया====
विधायिका की किसी कार्यवाही को विधि बनने से रोकने की
राष्ट्रपति के पास तीन प्रकार की वीटो शक्तियां हैं-
विधायिका की किसी कार्यवाही को विधि बनने से रोकने की
राष्ट्रपति के पास तीन प्रकार की वीटो शक्तियां हैं-
(१) पूर्ण वीटो – आत्यंतिक वीटो (Absolute veto)- इसके तहत राष्ट्रपति किसी विधेयक पर अपनी अनुमति सुरक्षित रख सकता है यानी वो अनुमति नहीं दे सकता है
निर्धारित प्रकिया से पास बिल जब राष्ट्रपति के पास आये (संविधान संशोधन बिल के अतिरिक्त)] तो वह् अपनी स्वीकृति या अस्वीकृति की घोषणा कर सकता है किंतु यदि अनु 368 के अंतर्गत कोई बिल आये तो वह अपनी अस्वीकृति नही दे सकता है यधपि भारत मे अब तक राष्ट्रपति ने इस वीटो का प्रयोग बिना मंत्रिपरिषद की सलाह के नही किया है माना जाता है कि वह ऐसा कर भी नही सकता। (ब्रिटेन मे यही पंरपंरा है जिसका अनुसरण भारत मे किया गया है।)
निर्धारित प्रकिया से पास बिल जब राष्ट्रपति के पास आये (संविधान संशोधन बिल के अतिरिक्त)] तो वह् अपनी स्वीकृति या अस्वीकृति की घोषणा कर सकता है किंतु यदि अनु 368 के अंतर्गत कोई बिल आये तो वह अपनी अस्वीकृति नही दे सकता है यधपि भारत मे अब तक राष्ट्रपति ने इस वीटो का प्रयोग बिना मंत्रिपरिषद की सलाह के नही किया है माना जाता है कि वह ऐसा कर भी नही सकता। (ब्रिटेन मे यही पंरपंरा है जिसका अनुसरण भारत मे किया गया है।)
(२) निलम्बनकारी वीटो – संविधान संशोधन अथवा धन बिल के अतिरिक्त राष्ट्रपति को भेजा गया कोई भी बिल वह संसद को पुर्नविचार हेतु वापिस भेज सकता है किंतु संसद यदि इस बिल को वापिस पास कर के भेज दे तो उसके पास सिवाय इसके कोई विकल्प नही है उस बिल को स्वीकृति दे दे। इस वीटो को वह अपने विवेकाधिकार से प्रयोग लेगा। इस वीटो का प्रयोग अभी तक संसद सदस्यॉ के वेतन बिल भत्ते तथा पेंशन नियम संशोधन 1991 मे किया गया था। यह एक वित्तीय बिल था। राष्ट्रपति वेंकट रमण ने इस वीटो का प्रयोग इस आधार पर किया कि यह बिल लोकसभा मे बिना उनकी अनुमति के लाया गया था।
(३) पाकेट वीटो – संविधान राष्ट्रपति को स्वीकृति अस्वीकृति देने के लिये कोई समय सीमा नही देता है यदि राष्ट्रपति किसी बिल पे कोई निर्णय ना दे [सामान्य न कि धन या संविधान संशोधन ] तो माना जायेगा कि उस ने अपने पाकेट वीटो का प्रयोग किया है यह भी उसकी विवेकाधिकार शक्ति के अन्दर आता है पेप्सू बिल 1956 तथा भारतीय डाक बिल 1984 मे राष्ट्रपति ने इस वीटो का प्रयोग किया था।
🌼राष्ट्रपति की संसदीय शक्ति ====
राष्ट्रपति संसद का अंग है। कोई भी बिल बिना उसकी स्वीकृति के पास नही हो सकता अथवा सदन मे ही नहीं लाया जा सकता है।
राष्ट्रपति संसद का अंग है। कोई भी बिल बिना उसकी स्वीकृति के पास नही हो सकता अथवा सदन मे ही नहीं लाया जा सकता है।
🔰राष्ट्रपति की शक्तियाँ 🔰
1⃣🎆 राष्ट्रपति की कार्यकारी या प्रशासनिक शक्तियां_______
राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियां एव् कार्य निम्न है___
०👉🏼 भारत सरकार की सभी कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति के नाम से किया जाता है।
राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियां एव् कार्य निम्न है___
०👉🏼 भारत सरकार की सभी कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग राष्ट्रपति के नाम से किया जाता है।
०👉🏼 वह नियम बना सकता है ताकि उसके नाम पर दिए जाने वाले आदेश और अन्य अनुदेश वैध हो
०👉🏼 वह ऐसे नियम बना सकता है जिससे केंद्र सरकार सहज रूप से कार्य कर सके तथा मंत्रियो को उक्त कार्य सहजता दे वितरित हो सके।
०👉🏼 राष्ट्रपति वास्तविक कार्यपालिका नहीँ है, अपितु वह संवैधानिक प्रधान है।
०👉🏼 42वेँ संविधान संशोधन अधिनियम ने राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य कर दिया है।
०👉🏼 44वें संविधान संशोधन द्वारा राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह को केवल एक बार पुनर्विचार के लिए प्रेषित करने का अधिकार दिया गया है। यदि मंत्रिपरिषद अपने विचार पर टिकी रहती है, तो राष्ट्रपति उसकी सलाह मानने के लिए बाध्य होगा।
०👉🏼 राष्ट्रपति वह प्रधानमन्त्री की नियुक्ति करता है और प्रधानमंत्री की सलाह से अन्य मंत्रियोँ की भी नियुक्ति करता है।
तथा वे उसके प्रसाद पर्यन्त कार्य करते है
तथा वे उसके प्रसाद पर्यन्त कार्य करते है
०👉🏼 राष्ट्रपति भारत के महान्यायवादी की नियुक्ति करता है तथा वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत उत्तरदायी होता है।
०👉🏼 इसके अलावा राष्ट्रपति, नियंत्रक महालेखा परीक्षक, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, राज्योँ के राज्यपाल, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्योँ के संयुक्त लोक सेवा आयोग, वित्त आयोग, निर्वाचन आयोग के सदस्य तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, विभिन्न अन्य आयोग-राजभाषा आयोग,अल्पसंख्यक तथा पिछड़ा वर्ग आयोग और अनुसूचित क्षेत्रोँ के लिए आयोग आदि।
की नियुक्ति करता है।
की नियुक्ति करता है।
०👉🏼 राष्ट्रपति संघीय प्रशासन से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना प्रधानमंत्री से प्राप्त कर सकता है।
०👉🏼 इसके अलावा राष्ट्रपति प्रत्यक्ष रुप से संघीय राज्योँ का प्रशासन उप-राज्यपाल अथवा आयुक्त के माध्यम से देखता है।
०👉🏼वह किसी भीं क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित कर सकता है।उसे अनुसूचित क्षेत्रो तथा जनजातीय क्षेत्रो के प्रशासन की
शक्तियां प्राप्त है।
शक्तियां प्राप्त है।
2⃣🎆राष्ट्रपति की विधायी शक्तियां
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०👉🏼अनुच्छेद 123 के तहत संसद के स्थगन के समय राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है ।
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०👉🏼अनुच्छेद 123 के तहत संसद के स्थगन के समय राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है ।
०👉🏼 राष्ट्रपति संसद के दोनो सदनों को आहूत करने, सत्रावसान करने और लोकसभा का विघटन करने की शक्ति रखता है।
०👉🏼 राष्ट्रपति लोकसभा के प्रति एक साधारण निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र के प्रारंभ मेँ तथा प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ मेँ एक साथ संसद के दोनो सदनोँ मेँ प्रारंभिक अभिभाषण करता है।
०👉🏼 राष्ट्रपति को संसद मेँ विधायी-विषयों के संबंध मेँ संदेश भेजने का अधिकार है।
०👉🏼 लोकसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पद खाली होने की स्थिति मेँ राष्ट्रपति उस पद के लिए लोकसभा के किसी भी सदस्य को नियुक्त कर सकता है सामान्यत: वरिष्ठ सदस्य को ही और यही कार्य राज्यसभा मेँ सभापति तथा उपसभापति की अनुपस्थिति मेँ भी करता है।
०👉🏼 राष्ट्रपति को लोकसभा मेँ एंग्लो इंडियन समुदाय के दो व्यक्ति तथा राज्य सभा मेँ 12 सदस्य मनोनीत करने का अधिकार है।
०👉🏼 संसद द्वारा वांछित कोई भी विधेयक तभी कानून बनता है, जब उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाते हैं।
०👉🏼 राष्ट्रपति वार्षिक वित्तीय वितरण, नियंत्रक महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन, वित्त आयोग की सिफारिश तथा अन्य आयोग की रिपोर्ट संसद मेँ प्रस्तुत करवाता है।
०👉🏼 कुछ विषयों से संबंधित विधेयक संसद मेँ प्रस्तुत करवाने से पूर्व राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक होती है, जैसे-राज्योँ की सीमा परिवर्तन और धन विधेयक।
०👉🏼 राष्ट्रपति किसी भी विधेयक को अनुमति दे सकता है। उसे पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है, तथा उस पर अपनी अनुमति रोक सकता है। लेकिन धन विधेयक पर राष्ट्रपति को अनिवार्य रुप से अनुमति देनी होती है तथा उसे पुनर्विचार के लिए वापस नहीँ भेज सकता है। संविधान संशोधन विधेयक के लिए भी इसी प्रकार का प्रावधान है।
०👉🏼 यदि राष्ट्रपति द्वारा संसद को पुनर्विचार के लिए वापस किया गया विधेयक पुनः विचार करने के पश्चात राष्ट्रपति की अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाता है, तो इस पर वह अनिवार्य रुप से अनुमति देगा।
संविधान मेँ राष्ट्रपति को किसी विधेयक को अनुमति देने या अनुमति न देने के संबंध मेँ कोई समय सीमा निर्धारित नहीँ की गई है।
संविधान मेँ राष्ट्रपति को किसी विधेयक को अनुमति देने या अनुमति न देने के संबंध मेँ कोई समय सीमा निर्धारित नहीँ की गई है।
०👉🏼 राष्ट्रपति को किसी विधेयक पर अनुमति देने या न देने के निर्णय लेने की समय सीमा का अभाव होने के कारण राष्ट्रपति वीटो का प्रयोग कर सकता है।
०👉🏼 राष्ट्रपति जब संसद का सत्र न चल रहा हो तथा किसी विषय पर तुरंत विधान बनाने की आवश्यकता हो तो वह अध्यादेश द्वारा विधान बना सकता है।
०👉🏼 राष्ट्रपति द्वारा बनाये गए अध्यादेश संसद के विधान की तरह होते हैं, लेकिन अध्यादेश अस्थायी होते हैं।
राष्ट्रपति अध्यादेश अपनी मंत्रिपरिषद की सलाह से जारी करता है।
राष्ट्रपति अध्यादेश अपनी मंत्रिपरिषद की सलाह से जारी करता है।
०👉🏼 संसद का अधिवेशन होने पर अध्यादेश संसद के समक्ष रखा जाना चाहिए, यदि संसद उस अध्यादेश को अधिवेशन प्रारंभ होने की तिथि से 6 सप्ताह के भीतर पारित नहीँ कर देती तो वह स्वयं ही निष्प्रभावी हो जाएगा।
०👉🏼संसद सत्र शुरू करने, समापन करने तथा लोकसभा को भंग करने संबंधी अधिकार ।
०👉🏼संसद द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना कानून लागू नहीं बन सकता ।
०👉🏼नये राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्य के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन संबंधी विधेयक पर राष्ट्रपति की सहमति लेना जरूरी है
3⃣🎆राष्ट्रपति की वित्तीय शक्तियां_____
०👉🏼धन विधेयक पेश करने के लिए राष्ट्रपति से पहले सहमति जरूरी है ।
०👉🏼वह वार्षिक वित्तीय विवरण(केंद्रीय बजट) को संसद के समक्ष रखता है।
०👉🏼 अनुदान की कोई भी मांग उसकी शिफारिस के बिना नही की जा सकती है।
०👉🏼 वह भारत की आकस्मिक निधि से किसी अदृश्य व्यव्य हेतु अग्रिम भुगतान की व्यवस्था कर सकता है।
०👉🏼 वह राज्य व केंद्र के मध्य राजस्व के बंटवारे के लिए प्रतेयक पांच वर्ष में एक वित्त आयोग का गठन करता है।
4⃣🎆न्यायिक शक्तियाँ ___
संविधान का 72वाँ अनुच्छेद राष्ट्रपति को न्यायिक शक्तियाँ देता है कि वह दंड का उन्मूलन, क्षमा, आहरण, परिहरण, परिवर्तन कर सकता है।
संविधान का 72वाँ अनुच्छेद राष्ट्रपति को न्यायिक शक्तियाँ देता है कि वह दंड का उन्मूलन, क्षमा, आहरण, परिहरण, परिवर्तन कर सकता है।
=👉🏼 क्षमादान
इसमें मृत्युदंड भी शामिल है किसी व्यक्ति को मिली संपूर्ण सजा तथा दोष सिद्धि और उत्पन्न हुई निर्योज्ञताओं को समाप्त कर देना तथा उसे उस स्थिति मे रख देना मानो उसने कोई अपराध किया ही नही था। यह लाभ पूर्णतः अथवा अंशतः मिलता है तथा सजा देने के बाद अथवा उससे पहले भी मिल सकती है।
इसमें मृत्युदंड भी शामिल है किसी व्यक्ति को मिली संपूर्ण सजा तथा दोष सिद्धि और उत्पन्न हुई निर्योज्ञताओं को समाप्त कर देना तथा उसे उस स्थिति मे रख देना मानो उसने कोई अपराध किया ही नही था। यह लाभ पूर्णतः अथवा अंशतः मिलता है तथा सजा देने के बाद अथवा उससे पहले भी मिल सकती है।
०👉🏼 लघुकरण – दंड की प्रकृति कठोर से हटा कर नम्र कर देना उदाहरणार्थ सश्रम कारावास को सामान्य कारावास में बदल देना
०👉🏼 परिहार – दंड की अवधि घटा देना परंतु उस की प्रकृति नही बदली जायेगी
०👉🏼 विराम – दंड मे कमी ला देना यह विशेष आधार पर मिलती है जैसे गर्भवती महिला की सजा मे कमी लाना
०👉🏼 प्रविलंबन – दंड प्रदान करने मे विलम्ब करना विशेषकर मृत्यु दंड के मामलॉ मे
०👉🏼 राष्ट्रपति की क्षमाकारी शक्तियां पूर्णतः उसकी इच्छा पर निर्भर करती हैं। उन्हें एक अधिकार के रूप मे मांगा नही जा सकता है। ये शक्तियां कार्यपालिका प्रकृति की है तथा राष्ट्रपति इनका प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर करेगा। न्यायालय में इनको चुनौती दी जा सकती है। इनका लक्ष्य दंड देने मे हुई भूल का निराकरण करना है जो न्यायपालिका ने कर दी हो।
०👉🏼 शेरसिंह बनाम पंजाब राज्य 1983 मे सुप्रीमकोर्ट ने निर्णय दिया की अनु 72, अनु 161 के अंतर्गत दी गई दया याचिका जितनी शीघ्रता से हो सके उतनी जल्दी निपटा दी जाये। राष्ट्रपति न्यायिक कार्यवाही तथा न्यायिक निर्णय को नही बदलेगा वह केवल न्यायिक निर्णय से राहत देगा याचिकाकर्ता को यह भी अधिकार नही होगा कि वह सुनवाई के लिये राष्ट्रपति के समक्ष उपस्थित हो
5⃣🎆सैन्य शक्तियाँ
०👉🏼सैन्य बलों का सप्रीम पॉवर राष्ट्रपति में सम्मिलित है । लेकिन इसका इस्तेमाल विधि द्वारा नियमित होता है ।
०👉🏼सैन्य बलों का सप्रीम पॉवर राष्ट्रपति में सम्मिलित है । लेकिन इसका इस्तेमाल विधि द्वारा नियमित होता है ।
6⃣🎆कूटनीतिक शक्तियाँ या राजनैतिक शक्तियाँ>>>>
०👉🏼दूसरे देशों के साथ कोई भी समझौता या संधि राष्ट्रपति के नाम से की जाती है ।
०👉🏼दूसरे देशों के साथ कोई भी समझौता या संधि राष्ट्रपति के नाम से की जाती है ।
०👉🏼 राष्ट्रपति विदेशों के लिए भारतीय राजदूतों की नियुक्ति करता है और भारत में विदेशों के राजदूतों की नियुक्ति का अनुमोदन करता है ।
7⃣🎆राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ>>>>
👉🏼संविधान के भाग- 18 के अनुच्छेद 352 से 360 के अंतर्गत राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियां प्राप्त हैं ।
👉🏼संविधान के भाग- 18 के अनुच्छेद 352 से 360 के अंतर्गत राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियां प्राप्त हैं ।
👉🏼अनुच्छेद 352- युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रपति को अधिकार है कि वो आपातकाल लागू करे ।
👉🏼अनुच्छेद 356- यदि कोई राज्य संवैधानिक रूप से अक्षम हो गया है तो राष्ट्रपति वहां आपातकाल (राष्ट्रपति शासन) की घोषणा कर सकता है ।
👉🏼अनुच्छेद 360- आर्थिक संकट की स्थिति में ।
🔰 महत्त्वपूर्ण तथ्य :======
०👉🏼 राष्ट्रपति को शपत=>___सर्वोच्य न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश।
०👉🏼 राष्ट्रपति को शपत=>___सर्वोच्य न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश।
०👉🏼 राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र=>____ उपराष्ट्रपति को ।
०👉🏼 तीनोँ सेनाओँ का सर्वोचय अधिकारी (जल थल वायु)का=> राष्ट्रपति ।
०👉🏼 इस प्रकार भारतीय संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति मेँ निहित है।पर भारत मेँ संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है। अतःराष्ट्रपति नाममात्र की कार्यपालिका है। तथा प्रधान मंत्री और उसका मंत्रिमंडल वास्तविक कार्यपालिका है।
०👉🏼 राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रुप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा होता है।
०👉🏼 निर्वाचक मंडल मेँ राज्यसभा, लोकसभा और राज्यों की विधान सभा के निर्वाचित सदस्य होते हैं। नवीनतम व्यवस्था के अनुसार पुदुचेरी तथा दिल्ली विभानसभा के निर्वाचित सदस्योँ को भी इस निर्वाचक मंडल मेँ सम्मिलित किया गया है।
०👉🏼 डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। वह लगातार दो बार राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।
०👉🏼 डॉ. एस. राधाकृष्णन लगातार दो बार उपराष्ट्रपति तथा एक बार राष्ट्रपति रहे।
०👉🏼 केवल वी. वी. गिरी के निर्वाचन के समय दूसरे चक्र की मतगणना करनी पड़ी। अभी तक दूसरे चक्र की गणना से गिरी ही राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
०👉🏼 श्री वी.वी. गिरी ही ऐसे राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जिन्होंने ने निर्दलीय उम्मीदवार के रुप मेँ चुनाव मेँ सफलता प्राप्त की।
०👉🏼 केवल नीलम संजीव रेड्डी ऐसे राष्ट्रपति हुए जो एक बार चुनाव मेँ पराजित हुआ तथा बाद मेँ निर्विरोध निर्वाचित हुए।
०👉🏼 डॉ. राजेंद्र प्रसाद, फखरुद्दीन अली अहमद, नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी को छोड़कर अन्य सभी राष्ट्रपति पूर्व मेँ उपराष्ट्रपति के पद पर रहे हैं।
if you want to share more detail.. comment below ..
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